रविवार, 24 जुलाई 2016

स्वाति सिंह ने निकाली ‘मायागीरी’ की हवा

बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह के मसले पर आज बीएसपी सुप्रीमो ने करीब पौने घंटे की प्रेस कांफ्रेंस की । इस दौरान मायावती ने एक तरफ तो बीजेपी के नेता दयाशंकर सिंह को जमकर कोसा तो इसी बहाने से बीजेपी और समाजवादी पार्टी पर अंदरखाने समझौते का भी आरोप लगाया । लेकिन उन्होंने एक बार फिर मायागीरी दिखाते हुए अपने सम्मान को देवी का सम्मान माना लेकिन स्वाति सिंह के सम्मान को तवज्जो नहीं दी। भद्दी टिप्पणी करने वाले अपनी पार्टी के नेता का बचाव करती दिखाई दी मायावती और  कहा कि नसीमुद्दीन का बयान दयाशंकर की बेटी और पत्नी के लिए नहीं था। ये अब सब जानते हैं कि नसीमुद्दीन ने कहा था दयाशंकर की पत्नि और बेटी को पेश करो। इस पर स्वाति सिंह ने सवाल पूछा था कि मायावती बताए कहां पेश करना है। मायावती ने स्वाति सिंह पर राजनीति का आरोप लगाया तो स्वाति सिंह ने कुछ देर पहले मेरे साथ बातचीत में इन आरोपों को दयाशंकर सिंह की पत्नी ने सिरे से खारिज कर दिया।
SWATI SINGH LIVE ON IBN7 AFTER MAYAWATI'S PC

मायावती जब प्रेस कांफ्रेंस करने आई तो उम्मीद थी कि वो नसीमुद्दीन सिद्दकि के मसले पर खेद प्रकट करेंगी या उस तरह की बयानबाजी से अपने को दूर कर लेंगी। लेकिन मयावाती ने साफ तौर पर नसीमुद्दीन सिद्दिकि का बचाव किया और कहा कि बीएसपी के नारों का गलत मतलब निकाला गया।  मायावती ने आरोप लगाया कि दय़ाशंकर की मां, पत्नी और बेटी के कंधे पर बंदूक रखकर बीजेपी निशाना साध रही है। उन्होनें इल्जाम लगाया कि बीजेपी की शह पर ही मां और बेटी को आगे किया गया है ताकि दयाशंकर का केस कमजोर हो सके।

मायावती का शब्दशः बयान इस तरह है,
उन्होंने अपनी बेटी को लेकर जो शिकायत करवाई दयाशंकर के खिलाफ भी एक शिकायत दर्ज करवाती क्यूंकि उसने मायावती के खिलाफ बोला। ऐसा करने पर इन दोनो महिलाओं को देश की महिलाऐं अपने सिर पर बैठाती। इनकी दोगली मानसिकता साफ झलकती है।

पहले खुद को देवी कहना उसके बाद महिला अस्मिता का आदर्श बना लेना ये सारी बातें मायावती की शख्सियत का हिस्सा रही हैं। मायावती अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की देवी हो सकती हैं लेकिन वो स्वाति सिंह के लिए देवी नहीं है जो उनके लिए झंडा उठाते हुए अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाती। मैंने स्वाति से ये बात पूछी कि क्या बीजेपी और आपकी लड़ाई का अलग-अलग होना एक गलत इम्प्रेशन नहीं दे रहा है? उनका जवाब था कि बीजेपी की अपनी राजनैतिक लड़ाई है और मेरा उससे कोई लेना देना नहीं। ये मेरी निजी लड़ाई है जो मैं अपनी बेटी और सास के लिए लड़ रही हूं। इसमें मायावती जी का ये कहना कि मैं राजनीति से प्रेरित हूं उनकी महिला सम्मान को लेकर कही जानी वाली बातों की पोल खोल देता है।

स्वाति ने ये भी कहा कि यदि सभी पार्टियां इस मुद्दे पर एक मत होकर महिला सम्मान के लिए साथ आएं तो उन्हें कोई परहेज नहीं लेकिन मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए कोई भी पार्टी आएगी तो वो उन्हें साथ नहीं आने देंगी चाहे वो बीजेपी हो या कोई और पार्टी।

स्वाति सिंह की इन बातों से साफ है कि वो राजनीति से प्रेरित नहीं है लेकिन ये जरूर है कि उनके मुखर व्यक्तित्व और मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाने ने दयाशंकर से पल्ला झाड़ रही बीजेपी को एक नई राह दिखा दी। स्वाति सिंह ने मायावती को बैकफुट पर धकेल दिया और अपने अपमान से मिले मुद्दे से खुश हो रही मायावती अब परेशान दिख रही हैं जो उनकी प्रेस कॉफ्रेंस में साफ छलका। बीएसपी के हाथी की हवा स्वाति सिंह के तेवरों के आगे निकलती दिखाई दे रही हैं। इस बीच अहम सवाल उस बच्ची का भी था जो इन नारों के बाद व्यथित है।

स्वाति सिंह ने कहा कि वो और उनकी सहेलियां उनकी बेटी की काउंसलिंग के प्रयास कर रही है। वो इस घटना से बहुत परेशान है और स्कूल भी नहीं जा रही। उनके बच्चे डरे हुए हैं। गौरतलब है कि रीता बहुगुणा जोशी के एक बयान के बाद बीएसपी के इन्ही देवीभक्तों ने कांग्रेस नेता के घर में आग लगा दी थी। खबर ये भी है कि इस पूरे मामले के बाद स्थानीय लोगों ने भी पुलिस के अलावा दयाशंकर सिंह के घर के आसपास एक सुरक्षा घेरा बना रखा है।

मायागीरी का एक और नमूना मायवती ने पेश करते हुए कहा कि उनकी सरकार के आने के बाद इस मामले में न्याय होगा। ये सिर्फ एक राजनैतिक मुद्दा नहीं है बल्कि मायावती के अहम पर लगी एक चोट भी है। मायावती अपने अहंकार पर लगी चोट के बदले के लिए भी जानी जाती हैं। वो सरकार आने के बाद भी मुद्दे को नहीं छोड़ना चाहती। वो और उनके पदचिन्हों पर चलने वाले मिश्रा जी पहले ही सदन में खुलेआम कह चुके हैं कि आगे कुछ हुआ तो पार्टी जिम्मेदार नहीं होगी। धमकी देने की ये अदा और अनर्गल बातों की ये मायागीरी साफ कर रही है कि अपने अपमान से उत्साहित मायावती के हाथी का गुरूर स्वाति सिंह ने तोड़ दिया है। स्वाति सिंह के साथ समर्थन इसीलिए नहीं दिख रहा क्यूंकि वो बीजेपी के निष्कासित नेता की पत्नि है बल्कि इसीलिए दिख रहा है क्यूंकि वो सही हैं। मायावती जैसे कथित दलित नेताओं ने दलितों का इस्तेमाल सिर्फ अपनी छबि को मजबूत करने और अपने राजनैतिक स्वार्थों के लिए किया है। नसीमुद्दीन के बयान का बचाव कर उन्होंने खुद के लिए इस मुद्दे पर बन रहे, रहे-सहे समर्थन को भी खो दिया है।


14 टिप्‍पणियां:

  1. It is the duty of all progressive intelctuals to oppose the 'Mayagiri' .she is not in favour of womens'asmita' but she pleying her political game in this Indivisual instent,,,,!

    जवाब देंहटाएं
  2. प्रवीण, आपने मुद्दे का सटीक विश्लेषण किया है। सहमत।

    जवाब देंहटाएं
  3. पूरे मामले में चीजें बताती हैं कि दोनों पक्ष दूध के धुले नहीं हैं, क्योंकि फिलहाल नारी अस्मिता की बात कर रही स्वाति सिंह ने अपने पति के बयान की निंदा नहीं की और मायावती जो खुद देवी बन घूम रही हैं, नसीमुद्दीन सिद्दीकी के दयाशंकर टाइप बयान का बचाव कर रही हैं। जो भी हो अगले चुनावों में दलित वोट खो चुकी है।

    जवाब देंहटाएं
  4. Mayawati ka "pasa ulta pad gaya hai"
    Madamji muake ka phayda uthana chati thi.....

    जवाब देंहटाएं
  5. ab tak swaghoshit devi jee ke sath meri sahanbhooti thi. lekin ab nahi...bahut ho gaya...had hi kar di...ab meri puri sahanbhooti swati singh ke sath hai. or yah bhi bata dun ki swati singh ki bitiya ka apman up ke aasann chunav me devi jee ki party ke liye nasur sabit hoga, yakin manen. ( note : aap par koi kichar pheke or jawab me palatwar karte hue aap bhi uspar kichar phekna shuru kar den, to meri najar me aap jyada gunahgar hain. devi jee or enke gurgon ne yahi kiya, yahi vajah hai enhone sacche insano ki sahanbhooti kho di. Rashtrapita mahatma gandhi ne bhi kaha hai - papi se nahi, paap se ghrina karo ).

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. हां ऐसी ही घटनाओं से असली मुद्दे हाशिए पर जाते हैं.. बच्चियां असुरक्षित हैं और इन्हें अपनी राजनीति की पड़ी है..

      हटाएं
  6. ab tak swaghoshit devi jee ke sath meri sahanbhooti thi. lekin ab nahi...bahut ho gaya...had hi kar di...ab meri puri sahanbhooti swati singh ke sath hai. or yah bhi bata dun ki swati singh ki bitiya ka apman up ke aasann chunav me devi jee ki party ke liye nasur sabit hoga, yakin manen. ( note : aap par koi kichar pheke or jawab me palatwar karte hue aap bhi uspar kichar phekna shuru kar den, to meri najar me aap jyada gunahgar hain. devi jee or enke gurgon ne yahi kiya, yahi vajah hai enhone sacche insano ki sahanbhooti kho di. Rashtrapita mahatma gandhi ne bhi kaha hai - papi se nahi, paap se ghrina karo ).

    जवाब देंहटाएं